सरस्वती द्वादश नाम स्तोत्रम् ( Saraswati Dwadasha Nama Stotram )

सरस्वती द्वादश नाम स्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तुति है जिसमें मां सरस्वती के बारह दिव्य नामों का गुणगान किया गया है। ज्ञान, बुद्धि और वाणी की प्राप्ति के लिए इस स्तोत्र का नियमित पाठ लाभदायक है।

॥ श्रीसरस्वतीद्वादशनामस्तोत्रम् ॥

सरस्वतीमहं वन्देवीणापुस्तकधारिणीम्।
हंसवाहसमायुक्तांविद्यादानकरीं मम॥1॥

प्रथमं भारती नामद्वितीयं च सरस्वती।
तृतीयं शारदा देवीचतुर्थं हंसवाहिनी॥2॥

पश्चमं जगति ख्याताषष्ठं वाणीश्वरी तथा।
कौमारी सप्तमं प्रोक्ताअष्टमं ब्रह्मचारिणी॥3॥

नवमं बुद्धिदात्री च दशमं वरदायिनी।
एकादशं क्षुद्रघण्टा द्वादशं भुवनेश्वरी॥4॥

ब्राह्मी द्वादशनामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।
सर्वसिद्धिकरी तस्य प्रसन्ना परमेश्वरी।
सा मे वसतु जिह्वाग्रे ब्रह्मरूपा सरस्वती॥5॥

॥ इति सरस्वतीद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥